ज्वालपा देवी के प्राचीन मंदिर

ज्वालपा देवी के  प्राचीन मंदिर

 

 गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में प्रोफेसर रहे, (बिलखेत गांव के) डॉ शिव प्रसाद नैथानी द्वारा ज्वालपादेवी मंदिर समिति की रजत जयंती स्मारिका 1994 (प्रकाशन तिथि 13 अक्टूबर 1994) में प्रकाशित एक लेख में दिए गए तथ्यों को प्रामाणिक मानते हुए प्रस्तुत किया जा रहा है। उनके अनुसार  ज्वालपा देवी के मंदिर चार स्थानों पर हैं-

 

1ज्वालपा ग्राम जालैई, कालीफाट, नागपुर

2.ज्वालपादेवी बगड़, क्यारी, निकट सिमखेत, पाबौ।

  1. ज्वालपा, श्रीनगर, पुरानी राजधानी (गढ़वाल)

4.ज्वालपा देवी, आमकोटि, सतपुली पौड़ी मार्ग पर जिसे ज्वालपा धाम के रूप में जाना जाता है।

 

डॉ. शिवप्रसाद नैथानी लिखते हैं- ज्वालपा और जलैई में अवश्य ही घनिष्ठ संबंध रहा है हिमालयन गजेटियर में उल्लेख है।

“As Jwalpa from Jwala ‘a flame’ she is one with the great form Jwalamukhi and has temples at Jwalpa Sera in Kaphol seun and Jalai in Kalighat”

(Himalayan Gazetteer, Vol. III part I page 796) E. T. Atkinson.